ज्ञान निकेतन
(शिक्षा सबके लिए)

पंडित मदनमोहन मालवीय "महामना" जी के विचार

शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य मानव जीवन का सर्वांगीण विकास करना है। शिक्षा के माध्यम से भारत में ऐसे लोगों का निर्माण होना चाहिए जो चरित्रवान हों और आर्थिक, प्राविधिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक ज्ञान से संपन्न हो।
पंडित मदनमोहन मालवीय
        “महामना”

स्थापना दिवस

पंडित मदनमोहन मालवीय “महामना”की प्रेरणा से गंगाश्रम परिसर में श्री संवत् २०८१माघ शुक्ल पक्ष, दिन सोमवार दिनांक ३फरवरी२०२५ वसंत पंचमी के शुभ दिवस पर ज्ञान निकेतन को प्रारंभ किया गया है। महामना जी ने गुरु और शिष्य के बीच मधुर संबंधो का होना आवश्यक बताया है और कहां है कि शिक्षक को समाज का आदर्श व्यक्तित्व वाला व्यक्ति तथा सत्यनिष्ठ आचरण करने वाला होना चाहिए। ज्ञान निकेतन महामना जी के शिक्षा के प्रति उनके विचारों को आत्मसात करने का प्रयास कर रहा है।

न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते।
तत्स्वयं योगसंसिद्ध: कालेनात्मनि विन्दति।।
इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र करने वाला नि:संदेह कुछ भी नहीं है।उस ज्ञान को कितने ही काल से कर्मयोग के द्वारा शुद्धान्त:करण हुआ मनुष्य अपने आप ही आत्मा में पा लेता है।

शिक्षा का उद्देश्य

पुरातन काल से ही शिक्षा एक आवश्यक हिस्सा रही है।समय के साथ शिक्षा का स्वरुप भी बदलता गया।पुरातन काल में छात्र गुरुकुल में रहते थे।इस शिक्षा प्रणाली का आधार अनुशासन और मेहनत था। इसमें छात्र अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देते थे। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली अपनी खूबियों से विश्व को प्रेरित कर रही थी।
शिक्षा संस्कृति और धर्म से प्रभावित थी जो प्राचीन भारतीय समाज के अहम तत्व थे। अध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, प्रोफेशनल शिक्षा पर ध्यान देते हुए इसमें समग्र शिक्षा पर जोर दिया जाता था। इससे छात्रों को जीवन के कठिन समय में भी स्वयं को दृढ़ता के साथ खड़े रखने में मदद मिलती थी।
सम्पूर्ण शिक्षा पर फोकस होने के चलते गुरुकुल शिक्षा प्रणाली वर्तमान पीढ़ी के लिए कमाल कर सकती है। इसके साथ आज के छात्रों का सम्पूर्ण विकास हो सकता है।

ज्ञान निकेतन का मुख्य उद्देश्य

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से प्रेरित ज्ञान निकेतन के मुख्य उद्देश्य निम्न है...

१.सम्पूर्ण विकास (Holistic Development)
२: व्यक्तित्व विकास (Personality Development)
३: आध्यात्मिक जागृति (Spiritual Awakening)
४:समाज एवं प्रकृति के प्रति जागरूकता (Awareness about society and nature)
५: पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान और कल्चर को आगे बढ़ाना (Passing one of knowledge and culture through generation)
६. जीवन में स्वयं पर नियंत्रण और अनुशासन (Self-control and discipline in life)

ज्ञान निकेतन निर्देशक संदेश

ज्ञान निकेतन में आप प्राचीन गुरुकुल शिक्षा पद्धति एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के मिश्रित सामूहिक व्यवस्था के साथ जुड़ कर अपने बच्चों को भारत के भविष्य का निर्माण में सहयोग करें।

शिक्षा एक ऐसा साधन है जो सभी को ज्ञान प्रदान करती है। साथ ही उसे नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक रुप से सक्षम भी बनाती है। ज्ञान निकेतन आपके बच्चों को ऐसी शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है, जिससे समाज में एक सक्रिय नागरिक के रुप में अपनी भूमिका निभा सकें।

पता :----

ज्ञान निकेतन
एनजीओ रेडरी परिसर
गंगाश्रम,चौसा (बारे मोड़)
जिला -बक्सर,पिन -802114

चलंत दूरभाष  :
+918292600700,
+919471834436

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