संस्था परिचय
ग्रामीण स्वरोजगार उन्नयन एवं शोध संस्थान (रेडरी)का गठन बक्सर (बिहार) में किया गया।यह संस्थान एवं इसका प्रतीक चिह्न भारतीय संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करता है।यह संस्थान सहकार,सेवा, समृद्धि द्वारा अपनी पहचान का कार्य मंत्र देते हुए सेवा के चार आयामों पर कार्य कर रही है -स्वास्थ्य,शिक्षा, स्वावलंबन एवं संस्कार।
संदेश
रविशंकर चौबे
अध्यक्ष
किसी भी कार्य के सफलता के लिए पाँच बातें आवश्यक हैं। गीता में भगवान ने कहा है —“अधिष्ठानं तथा कर्ता करणं च पृथिगि्वधम्।विविधाश्च पृथक्चेष्टा दैवं चैवात्र पंचमम्।।अर्थात अधिष्ठान,कर्ता, उपकरण,प्रयत्न एवं देव-पर इन सबमें कार्यकर्ता मुख्य हैं। उससे ही असाध्य को साध्य किया जा सकता है। अतः ग्रामीण स्वरोजगार उन्नयन एवं शोध संस्थान (रेडरी) आप के सहयोग से सेवा कार्य का लक्ष्य प्राप्त करना चाहती है। नमस्ते।
वीरेंद्र कश्यप
सचिव
उद्देश्य
देश की एकता, अखंडता, आपसी सद्भाव हेतु लोगों को जागरूक करना। उपेक्षित,निर्धन,शहर की गंदी वसि्तयों और गांवों के निर्धन महिलाओं एवं पुरूषों के जीवन स्तर को गरीबी रेखा से उपर उठाने हेतु कार्यक्रमों का संचालन करना। पिछड़े महिलाओं एवं पुरूषों के विकास, कल्याण एवं स्वावलंबन हेतु वहाँ के स्थानीय परिस्थितियों पर आधारित कृषि,वन-उद्यान, औषधीय पौधों एवं फूलों की खेती,पशुपालन,मत्स्य पालन,कुक्कुट पालन,लघु उद्योग,कुटीर उद्योग,खादी ग्रामोद्योग,सिलाई-बुनाई,चित्रकारी,टंकण कला, आशुलिपि,कम्प्यूटर प्रशिक्षण इत्यादि से संबंधित तकनीकी शिक्षा तथा यांत्रिक आविष्कार की पूर्ति के लिए संस्था केंद्र स्थापित कर संचालन व्यवस्था करना। निर्धन एवं उपेक्षित लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तथा कुष्ठ,कैंसर,यक्ष्मा आदि कष्ट साध्य रोगों से बचने के लिए आवश्यक जानकारी देना एवं दवा उपलब्ध कराना।